Banking Reform 2025
Merger and Privatisation of Major Public Sector Banks in India
A New Roadmap For the Banking Sector Released
केंद्र सरकार Banking Sector में बड़े सुधार की तैयारी में है और इस रणनीति के अंतर्गत Public Sectors के कुछ बड़े बैंकों का Merger करना और छोटे बैंकों के Privatisation का नया रूप तैयार हो रहा है।
भारत का Banking Sector अब एक नए मोड़ पर है जहाँ सरकार की “Fewer, Stronger Banks” की नीति अब मूर्त रूप लेने जा रही है यदि यह रणनीति सही तरह से लागू होती है तो Banking क्षेत्र में सुधार और विस्तार दोनों संभव हो सकते है बशर्ते उद्देश्य और उसका क्रियान्वन सही ढंग से हो।
लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि इस प्रक्रिया में Banking की पहुँच, ग्राहक-सेवा , बैंक कर्मियों की नौकरी व ग्रामीण वित्तीय समावेशन पर भी नजर रखना अनिवार्य है जिसमे किसी भी प्रकार की क्षति ना हो।
Steps towards Merger
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Union Bank of India और Bank of India के विलय पर वित्त मंत्रालय चर्चा कर रहा है दोनों बैंक मुंबई में आधारित हैं।
State Bank of India के बाद विलय होने पर Asset के आधार पर यह नया बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक बन सकता है
वर्तमान में Bank of Baroda देश का दूसरा सबसे बड़ा PSU Bank है जिसकी 30th-June-2025 तक कुल संपत्ति लगभग 18.62 Trillion थी जबकि Merger के बाद UBI and BOI की Combined संपत्ति करीब 25.67 Trillion होगी जो निजी बैंक ICICI Bank के करीब है।
Other potential mergers and Privatisations
(i). वित्त मंत्रालय Indian Bank और Indian Overseas Bank (IOB) जिनका मुख्यालय चेन्नई में हैं के Merger पर भी विचार कर रहा है|
(ii). इसके अलावा छोटे आकार वाले बैंक जैसे Punjab & Sind Bank और Bank of Maharashtra (BoM) को भविष्य में Privatise करने की संभावनाएँ हैं।
Objective behind the mergers and Privatisations
- बैंक कर्मियों की संख्या में कमी लाना: Banks के Revenue और Expense को संयोजित करना।
- कम संख्या में “Strong and Big” बैंक Units बनाना : ताकि Banking Sector ज्यादा प्रभावी हो सके।
- Banking Services को बेहतर बनाना : जैसे कि Loan (Credit) विस्तार, ग्राहकों को बेहतर सेवा।
- Operational Efficiencies बढ़ाना : शाखाओं (Branches), Bank and System और खर्चों को Rationalised करना।
- देश का Banking Sector International स्तर पर लाना : ताकि Banks Competitive बने।
Banking Reform 2025 | Opposition Viewpoint
हालाँकि यह कदम सरकार की ओर से उठाया जा रहा है लेकिन बैंक कर्मचारी यूनियनों ने इस पर आपत्ति जताई है उनका कहना है कि इससे Financial Inclusion व ग्रामीण क्षेत्र में Banking पहुँच पर असर पड़ सकता है,
वहीं कुछ यूनियन नेताओं का मानना है कि बड़ी बैंकें बनने से ग्राहक सेवा में कमी आ सकती है और छोटे शहरों व ग्रामीण इलाकों में Branch Rationalisation हो सकता है।
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Banking Reform 2025 Target Timeline
अभी तक इस प्रक्रिया की कोई निश्चित समय सीमा घोषित नहीं हुई है लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार इस को वित्त वर्ष 2027 से शुरू करने की संभावना है।
Benefits to the Banking sector?
अगर इस कदम को सही तरीके से लागू किया जाए तो कई फायदे हो सकते हैं
- Merging Banks बेहतर Capital व बेहतर Risk Management के साथ आगे आ सकती हैं।
- जैसा की ऊपर कहा है की ऑपरेशनल खर्च कम हो सकता है जिसके कारण बैंक की Profitability बढ़ सकती है।
- बड़े बैंक Digital Technology अन्य सेवाएँ व Loan विस्तार को तेजी से लागू कर सकते हैं।
लेकिन इसके साथ-साथ चुनौतियाँ भी होंगी जैसे Staff Attrition, Declining Customer Experience and Branch Closures आदि।

