New TDS and TCS rules
कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में टैक्स सिस्टम को सरल और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की थी और ये बदलाव 1 अप्रैल, 2025 से लागू होने को प्रस्तावित थे ।
ये बदलाव मुख्यता उन सुधारों के तरफ अग्रसित होते हैं जिसके द्वारा टैक्स प्रक्रिया को आसान, सुगम बनाना और करदाताओं पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है।
आइये जानते है की 1 अप्रैल से New TDS and TCS rules में क्या बदलाव प्रभावी होंगे
New TDS and TCS rules | बदलाव के लाभ

इन नए बदलावों से करदाताओं को TDS (स्रोत पर कर कटौती) और TCS (स्रोत पर एकत्रित कर) में अनावश्यक जटिलताओं से राहत मिलेगी खासकर विदेशों में पैसे भेजने, बड़े लेन-देन करने और व्यावसायिक गतिविधियों सरलता ।
वैसे देखा जाय तो सरकार का उद्देश्य इस प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाना है।
TDS की नई सीमाएं
बजट 2025 में ब्याज आय, किराए के भुगतान और अन्य महत्वपूर्ण लेन-देन पर TDS की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था इससे अब कर कटौती की प्रक्रिया आसान हो जायेगे और बार-बार होने वाली कटौतियां
भी कम हो जाएँगी। इसके साथ ही यह सुनिश्चित हो जायेगा कि करदाताओं को अपने नकदी प्रवाह में भी किसी प्रकार की रुकावट का सामना न करना पड़े।
विदेश में पैसे भेजने पर अब जयादा राहत मिलेगी
अब विदेशों में पैसे भेजने पर TCS की फ्री सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि अब बिना किसी TCS के 10 लाख रुपये तक विदेश भेज सकते हैं। वहीं अगर शिक्षा लोन के माध्यम से पैसा विदेश भेजते हैं तो उस पर कोई TCS लागू नहीं होगा।
व्यापारियों के लिए अच्छे बदलाव की पहल
बिजनेस से जुड़े लोगों के लिए एक और राहत का प्रस्ताव किया गया है जिस्मे 50 लाख रुपये से अधिक की बिक्री पर अब TCS नहीं काटा जाएगा और ये बड़ा बदलाव 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जायेगा साथ ही व्यापारियों को अब उच्च-मूल्य वाली बिक्री पर 0.1% TCS कटौती देनी पड़ेगी।
इससे व्यापारियों के लिए कर अनुपालन आसान होगा और उनका नकदी प्रवाह भी उन्नत और बेहतर हो जायेगा ।
गैर-फाइलर्स के लिए राहत
अगर पहले टैक्स प्रणाली को समझे to यदि कोई व्यक्ति आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं करता था तो उसे ज्यादा TDS और TCS कटौती का सामना करना पड़ता था। वहीं बजट 2025 में इस नियम को हटाने का प्रस्ताव किया गया था जिससे करदाताओं को अब राहत मिलेगी।
साथ ही अब छोटे व्यवसायों और आम करदाताओं को अत्यधिक कर दरों से भी राहत मिलेगी।
TCS जमा करने में देरी पर अब सजा का डर नहीं
पहले यदि कोई व्यक्ति समय पर TCS जमा नहीं करता था तो उसे 3 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान था जिसको बजट 2025 में बदल दिया गया जिससे यह अब सुनिश्चित होगा कि अगर निर्धारित समय के भीतर लंबित TCS जमा कर दिया जाता है तो उस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करी जाएगी।

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