Farmers Protest
आज सोमवार यानि दिनांक 02 -Dec- 2024 को ग्रेटर नोएडा में लंबे समय से अपनी कई मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों ने को दिल्ली की ओर मार्च करने का निर्णय लिया। इसके चलते पुलिस सतर्कता और सुरक्षा के मद्देनज़र दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा और बैरिकेडिंग लगाई। जिसके वजह से ग्रेटर नॉएडा से दिल्ली जाने के रास्ते में जाम की समस्या उत्पन्न हुई और कई घंटों तक लोग जाम में फंसे रहे।
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Farmers Protest | सीमा का पुनः चालन
किसानों और नोएडा प्रशासन के बीच बातचीत के बाद किसान लौट गए जिसके पश्चात दिल्ली-नोएडा सीमा को पुनः चालन के लिए खोल दिया गया, किसानो की आवश्यकताओं पर चर्चा करने के लिए प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक सप्ताह का समय मांगा है।
वास्तव में अगर समझे तो किसान ग्रेटर नोएडा में धरना दे रहे थे और उचित मुआवजा की मांग कर रहे थे।
किसानों ने कहा कि वे 2 दिसंबर को दिल्ली की ओर बढ़ेंगे अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी। जिसके चलते दिल्ली-नोएडा सीमा पर सुरक्षा व्यवस्थाएं कड़ी कर दी गईं और दिल्ली और नोएडा बॉर्डर पर पुलिस बलों को तैनात किया गया।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर महामाया पुल के पास काफी किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की ओर जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस सुरक्षा ने उनको वंही रोक लिया और दिल्ली की ओर नहीं जाने दिया
बैरिकेडिंग के चलते वाहनों को नॉएडा से दिल्ली की ओर धीमी गति से त्वरित करने की अनुमति दी गयी थी ऐसे स्थिति में नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर लगभग चार किलोमीटर लंबा जाम लग गया। लोगों को इसका सामना करना पड़ा और बहुत परेशानिओं का सामना करना पड़ा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई नेताओं को घर में कैद कर दिया गया है ताकि किसान दिल्ली नहीं जा सकें।
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Farmers Protest | जाम में फंसे लोगों ने अपना दुःख सुनाया
जाम में फंसे राजवीर ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ ग्रेटर नोएडा से दिल्ली में अपने घर लौट रहे थे। वह एक घंटे तक ट्रैफिक में फंसे रहे, जिससे उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
उनके अलावा राजेश नामक एक व्यक्ति ने कहा कि वह अस्पताल से घर लौट रहे थे, लेकिन यहां आते ही जाम में फंस गए। उधर, रोहित चौधरी ने बताया कि वह दोपहर 12 बजे परी चौक से दिल्ली जाने के लिए निकला था। जाम की वजह से वह तीन घंटे में महामाया तक ही पहुंच पाया ।
Farmers Protest | क्या है किसानों की मांगें
- किसानों की प्रमुख मांगों में 10% प्लॉट, 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा की मांग की गयी है।
- नई भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट का आवंटन का उल्लेख है।
- भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने शामिल हैं।
- किसान, आबादियों के निस्तारण की भी मांग कर रहे हैं।
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