अगर आधुनिकता की बात करें तो Technology हर पल हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है दिन प्रतिदिन सुरक्षा के नए आयाम बन रहें आवश्यकता है सुरक्षित और सहज लेनदेन की प्राथिमिकता का ताकि Technology के साथ Digital Crime को भी नियंत्रित किया जा सके।
भारत सरकार का सराहनीय प्रयास DigiLocker भारत के लोगों के लिए बहुत काम आता है।
DigiLocker
DigiLocker एक एप्लिकेशन है जिसे सभी जरुरी दस्तावेज़ों को एक ही स्थान पर सुरक्षा के साथ रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एप्लिकेशन को iOS और Android डिवाइस या स्मार्टफ़ोन दोनों पर इंस्टॉल किया जा सकता है। भारत सरकार डिजिटल इंडिया को सफल बनाने के लिए यह पहल कर रही है।
जब आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि जैसे दस्तावेजों की बात आती है तो हर कोई सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंतित रहता है।
यदि आप इसके लाभों के बारे में नहीं जानते हैं तो विस्वास कीजिये ये आर्टिकल आप के लिए ही है
In Short:
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- What is DigiLocker | डिजिलॉकर क्या है?
- How to use Digilocker | यूजर आईडी कैसे बनाएं और एप्लीकेशन कैसे डौन्लोड करे
- How to Upload Documents | डिजीलॉकर में दस्तावेज़ अपलोड करने के चरण क्या हैं?
- How DigiLocker Works | डिजिलॉकर कैसे काम करता है?
- DigiLocker’s Benefits, Is Digilocker Safe? | डिजिलॉकर के फायदे
What is DigiLocker | डिजिलॉकर क्या है?
DigiLocker इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) द्वारा दिया गया निर्मित एक ऑनलाइन एप्लिकेशन प्लेटफ़ॉर्म है जिसको भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत इसे पेश किया है।
इसकी प्राथमिकता और लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति के दैनिक जीवन में Physical दस्तावेजों के उपयोग को कम करना है। जैसा कि हम जानते हैं कि व्यक्तिगत दस्तावेज़ बहुत आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं, और प्रायः यात्रा, कॉलेज, कार्यालय, या मूवी थिएटर जहाँ तक हर जगह हमें अपना आईडी कार्ड दिखाने की आवश्यकता होती है। लेकिन हर कोई अपने दस्तावेज़ हर जगह नहीं ले जा सकता. हमारे व्यस्त जीवन में हर समय इन्हें साथ रखना बहुत मुश्किल होता है। और अक्सर हम Physical दस्तावेज़ ले जाना भूल भी जाते हैं।
और जहां डिजिलॉकर लोगों के लिए बहुत उपयोगी और प्रभावी माध्यम है। डिजिलॉकर का उपयोग रिकॉर्ड रखने और आधार, पैन आदि जैसे सभी आवश्यक दस्तावेजों को एक ही स्थान पर संग्रहीत और जरुरत पडने पर प्रस्तुत किया जा सकता, मुख्या रूप से यह आधार कार्ड और मोबाइल नंबर ये तकनीकी रूप से जुड़ जाता है और इस दौरान इसके इस्पस्टीकरण के लिए मोबाइल पे इक OTP आता है जो साइन-अप के लिए जरूरी होता है बाद में यूजर्स अपना पासवर्ड भी सेट कर सकते हैं और इसे फेसबुक से भी लिंक किया जा सकता है।
How to use Digilocker | यूजर आईडी कैसे बनाएं और एप्लीकेशन कैसे डौन्लोड करें
डिजीलॉकर में अकाउंट बनाना एक तेज़ और आसान प्रक्रिया है। डिजीलॉकर में अकाउंट बनाने के लिए नीचे दिए गए steps का पालन कर सकते हैं:
Step 1: डिजिलॉकर आधिकारिक वेबसाइट digilocker.gov.in पर जाएं । या अपने मोबाइल फोन पर प्ले स्टोर से एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं।
Step 2: अब, ‘साइन अप’ विकल्प पर क्लिक करें, और पूरा नाम, जन्म तिथि और मोबाइल फोन नंबर दर्ज करें। सुनिश्चित करें कि जिस फ़ोन नंबर का उपयोग कर रहे हैं वह आधार नंबर से जुड़ा हुआ है।
Step 3: एक सुरक्षा पिन दर्ज करें और अपनी ईमेल आईडी का उल्लेख करें। सुनिश्चित करें कि पिन कोई पूर्वानुमानित संख्या या अंक न हो ।
Step 4: इसके बाद, अपना 12 अंकों का आधार कार्ड नंबर दर्ज करें। दो विकल्प देख सकते हैं: OTP (वन टाइम पासवर्ड) या Finger Print विकल्प। आगे बढ़ने के लिए अपनी सुविधानुसार दोनों में से किसी एक का उपयोग कर सकते हैं ।
Step 5: इसके पश्चात अपना ‘उपयोगकर्ता नाम’ और ‘पासवर्ड’ बनाने के लिए ऑप्शन आएगा । जिसको डाल अपना डिजीलॉकर खाता सफलतापूर्वक बन जाता है।
Step 6: अब, ‘साइन अप’ बटन पर क्लिक करें। खाता सफलतापूर्वक बन जाने के बाद, सिस्टम डिजिलॉकर पर एक ‘डैशबोर्ड’ स्क्रीन प्रदर्शित करेगा। इसका मतलब है कि प्रक्रिया अब पूरी हो गई है.
How to Upload Documents | डिजीलॉकर में दस्तावेज़ अपलोड करने के चरण क्या हैं?
डिजीलॉकर पर दस्तावेज़ अपलोड करना बहुत आसान है। यहां इस प्रकार हैं:
Step 1: साइन अप करने के बाद, ‘अपलोड दस्तावेज़’ option पर क्लिक करें। जिसमे एक समय में एक से अधिक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं।
Step 2: ‘अपलोड’ टैब पर क्लिक करने के बाद, अपने उन फ़ाइलों का चयन करना होगा जिन्हें अपलोड करना है।
Step 3: उसके पश्चात ‘ओपन’ विकल्प पर क्लिक करें। एक समय में एकाधिक दस्तावेज़ों का चयन कर सकते हैं.
Step 4: अपलोड किए गए दस्तावेज़ सूची में दिए गए किसी भी दस्तावेज़ का चयन करने के लिए ‘दस्तावेज का प्रकार चुनें’ पर क्लिक करें।
अब एक ड्रॉप-डाउन बॉक्स दिखाई देगा जिसमें से दस्तावेज़ प्रकार का चयन कर सकते हैं। हालाँकि, यदि आपका दस्तावेज़ पूर्व-निर्धारित दस्तावेज़ प्रकार से मेल नहीं खाता है, तो आपको ड्रॉप-डाउन मेनू में ‘अन्य’ विकल्प चुनना होगा।
Step 5: ‘save’ बटन पर क्लिक करें। सिस्टम आपके दस्तावेज़ प्रकार को अपडेट कर देगा.
How DigiLocker Works | डिजिलॉकर कैसे काम करता है?
Digiocker पर साइन अप करने के बाद सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड किये जा सकते हैं हैं।
डिजीलॉकर व्यक्तिगत Cloud Storage प्रदान करता है जो आधार कार्ड से लिंक होता है जिसमे अपने दस्तावेज सुरक्षित अपलोड कर सकते है
इसके अलावा, जैसे ही डिजीलॉकर खाते में लॉग इन करते हैं यह कई अनुभाग प्रदर्शित करता है जिसको निम्नलिखित तरीकों से उपयोग कर सकते हैं:
Dashboard: डिजीलॉकर खाते की होम स्क्रीन है और जो जारी किए गए दस्तावेज़ों का सारांश प्रदर्शित करती है। यह डिजीलॉकर से जुड़े सभी भागीदारों से दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए एक लिंक भी प्रदान करता है।
Issued Documents: यह सेक्शन डिजिटल दस्तावेज़ों और प्रमाणपत्रों के लिंक या यूआरएल की एक सूची प्रदर्शित करता है। ये सभी डिजीलॉकर से जुड़ी सरकारी एजेंसियों या विभागों द्वारा जारी किए जाते हैं।
Uploaded Documents: यह एक निजी अनुभाग है जो अपलोड किए गए सभी दस्तावेज़ और प्रमाणपत्र को प्रदर्शित करता है। यहां दस्तावेज़ के प्रकार को भी अपडेट कर सकते हैं और इन अपलोड किए गए प्रमाणपत्रों को आवश्यक कर्मियों के साथ साझा भी कर सकते हैं।
Shared Documents: इस अनुभाग में, आप उन दस्तावेज़ों की सूची देख सकते हैं जिन्हें अन्य लोगों के साथ साझा किया हो|
Activity: यह एक और महत्वपूर्ण अनुभाग है जो डिजिलॉकर खाते में की गई सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने में आपकी मदद करता है।
Issuers: यह अनुभाग डिजीलॉकर के साथ ‘Issuers’ के रूप में registered विभागों या एजेंसियों की सूची प्रदर्शित करता है। यदि इनमें से किसी भी विभाग ने कोई प्रमाणपत्र या दस्तावेज़ जारी किया है, तो वह इसे एक लिंक या यूआरएल के रूप में प्रदर्शित करेगा|
DigiLocker’s Benefits, Is Digilocker Safe? | डिजिलॉकर के फायदे
1. Document safety assurance
डिजीलॉकर दस्तावेज़ों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करता है और जब भी उनकी आवश्यकता होती है तो उन्हें एक्सेस करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, यह एप्लिकेशन 256-बिट एसएसएल प्रमाणपत्रों के साथ आता है जिसका अर्थ है कि आपके दस्तावेज़ जारी करने के लिए आपके द्वारा प्रदान की गई सभी जानकारी एन्क्रिप्टेड है, इस प्रकार, आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित है।
2. Secure Signing Process
ई-हस्ताक्षर एक डिजिटल हस्ताक्षर है, जिसे आमतौर पर स्व-सत्यापन के रूप में भी जाना जाता है। अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ों पर ऑनलाइन डिजिटल हस्ताक्षर करना पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है।
यह एक बार की प्रक्रिया है हर बार सत्यापित करने के लिए प्रक्रिया को दोहराना नहीं पड़ता । यहां फायदा यह है कि जहां निजी डिजिटल हस्ताक्षर के लिए वार्षिक शुल्क की आवश्यकता होती है
3. Paperless process
डिजीलॉकर का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह भविष्य के लिए कागज बचाने के लिए कागज रहित दस्तावेज़ीकरण को बढ़ावा देने की सरकार की पहल में योगदान देता है। इसलिए पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपने सभी स्कैन किए गए दस्तावेज़ सुरक्षित रूप से अपलोड कर सकते हैं।
इसमें आपके ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बिजली बिल और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल हैं।
4. Fastest artifacts verifications
कुछ मामलों में, यदि सरकारी एजेंसियां किसी परीक्षा या सेवा के लिए आवेदन करते समय सत्यापन के लिए आपसे कानूनी दस्तावेज मांगती हैं, तो बस अपना लॉकर नंबर प्रदान करना होगा। नंबर मिलने के बाद ये एजेंसियां तुरंत इसकी पहचान वेरिफाई करेंगी. यह आसान प्रक्रिया मूल दस्तावेजों को साथ ले जाने से रोकती है और उनके गुम होने के जोखिम को खत्म करती है।
5. Risk minimization
डिजिटलीकरण से धोखाधड़ी का खतरा खत्म हो जाता है क्योंकि अब कोई भी व्यक्ति दस्तावेजों को अधिक सुरक्षित रूप से साझा कर सकता है। बसर्ते डिजीलॉकर नंबर या आधार कार्ड का विवरण किसी के साथ साझा न किया जाए ।
6. Large storage
डिजीलॉकर का एक और सबसे बड़ा लाभ यह है कि सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को संग्रहीत करने के लिए 10 एमबी का प्रारंभिक संग्रहण स्थान निःशुल्क प्राप्त होता है । हालाँकि, सरकार की योजना प्रत्येक लॉकर के लिए जगह को 1GB तक बढ़ाने की है ताकि वहां अधिक दस्तावेज़ सहेज सकें।
7. Control over operational cost
इस प्रक्रिया से स्टाफिंग और संबंधित व्यय सहित सरकार की परिचालन लागत कम हो सकती है । इसलिए, यह व्यय को नियंत्रण में लाएगा और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान देगा।
8. Minimal Turnaround Time
जैसे-जैसे प्रक्रियाएं अधिक सुलभ और तेज़ होती जाती हैं, पैन आवेदन या अन्य दस्तावेज़ ऑनलाइन तेज़ होते जाते हैं। संपूर्ण डिजिटल प्रक्रिया अपने डिजिलॉकर नंबर और आधार केवाईसी सेवा के माध्यम से उन पर ई-साइन करने की अनुमति देती है।
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