Economic Survey 2024
आज संसद में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024 पेश किया। इस सर्वेक्षण में बताया की वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5-7% रहने का अनुमान है जिसमें जोखिम संतुलित हैं।
Economic Survey 2024 में आर्थिक संकेतकों जैसे कि सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि, मुद्रास्फीति, रोजगार दर, राजकोषीय घाटा और अन्य प्रासंगिक मापदंडों पर व्यापक सांख्यिकीय जानकारी शामिल थी पर भी जानकारी दी गई
और ये भी कहा की कि बाजार की उम्मीदें और मांग ऊंची रहेंगी तथा पूंजी प्रवाह पर बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के संभावित प्रभाव पर भी जोर दिया गया।
Economic Survey 2024
आर्थिक सर्वेक्षण कौन करता है
Economic Survey 2024 केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के आर्थिक प्रभाग द्वारा तैयार किया जाता है जिसकी देखरेख मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) करते हैं। वित्त मंत्री से इसे अंतिम मंजूरी मिलती है।
Also Read: Best BSNL Prepaid Plan for Secondary SIM; BSNL outperforms Jio, Airtel or Vodafone?
Economic Survey में खुलासा किया की भारत चीन को पीछे छोड़ ‘Global Factory’ बनने जा रहा है
भारत ने अपने सर्वे में चीन का जिक्र किया और कहा की भारत और चीन के बीच जो ट्रेड हो रहा है, उसमें मुख्यता आयात ज्यादा है जिसके वजह से व्यापार घाटा बढ़ रहा है
इस सन्दर्भ में भारत चीन का आर्थिक फायदा ज्यादा से ज्यादा कैसे ले सकता है इसका Economic Survey में जानकारी दी गई।
भारत द्वारा इकोनॉमिक सर्वे पेश कर के कहा की आने वाले दिनों में वह कैसे दुनिया का सबसे बड़ी ‘Factory’ बनने जा रहा है.
Economic Survey 2024 में भारत सरकार ने संकेत दिया कि कैसे भारत अब चीन को मिलने वाली FDI को भारत में खींच लाकर अपने एक्सपोर्ट में इजाफा करेगा क्युकी इसका एक ही तरीका है FDI (Foreign direct investment) में बढ़ोतरी ताकि चीन को पीछे किया जा सके।
है क्या की FDI को मंजूरी देकर बड़ी कंपनियों को भारत में ला कर उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है जैसे पहले से देश में Apple और दुनिया की दूसरी कंपनियों ने चीन के साथ भारत की ओर देखना शुरू किया है उसी तरह दूसरी बड़ी कंपनियों को भी भारत लाने और FDI को मंजूरी देने की जरुरत है जिस पर सतत प्रयास किये जा रहे हैं
Economic Survey 2024 में चीन का जिक्र
भारत नए संभावनाएं तलाश रहा है क्युकी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह बढ़ने से भारत की ग्लोबल सप्लाई चेन में भागीदारी और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है उसके लिए भारत को भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVC) में अपनी भागीदारी को बढ़ाना होगा इसलिए उसे पूर्वी एशिया की अर्थव्यवस्थाओं की सफलताओं तथा रणनीतियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है
मास्टर प्लान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश Economic Survey 2024 में कहा की चीन से एफडीआई पर ध्यान केंद्रित करना अमेरिका को भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए अधिक आशाजनक प्रतीत होता है जैसा कि पहले पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं ने किया था अगर देखा जाये तो भारत के पास चीन प्लस वन रणनीति से लाभ उठाने के लिए दो साधन है पहला चीन की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो जाए या फिर चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे।
भारत की आर्थिक उन्नति
अगर देखा जाय तो चीन भारत का शीर्ष आयात भागीदार रहा है और आज के समय में चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ रहा है और उधर अमेरिका तथा यूरोप अपनी तत्काल आपूर्ति चीन से हटा रहे हैं इसलिए चीन को अपने को सँभालने के लिए भारत में निवेश करना और फिर इन बाजारों में उत्पादों का निर्यात करना अधिक सरल है बजाय इसके कि वे चीन से आयात करें फिर न्यूनतम मूल्य जोड़ें और फिर उन्हें पुनः निर्यात करें।
Also Read: What is GST, GST Full Form, GST types, GST Rates and Registration
चीनी एफडीआई की स्थिति का आंकलन
मोटा मोटा देखें तो चीन से FDI प्रवाह में वृद्धि से देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और इससे भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाने में मदद मिल सकती है
भारत के साथ चीन के का केवल 0.37 प्रतिशत (2.5 अरब अमेरिकी डॉलर) हिस्सेदारी के साथ 22वें स्थान पर था और ये अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी प्रवाह में था।
अब अगर देखें तो इस बात पर भी प्रकाश डाला गया की इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मोबाइल फोन सेगमेंट ने अधिकतम वृद्धि दर्ज की जिसका के माध्यमों से अमेरिका को निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर गत 2023-24 में 5.7 अरब डॉलर हो गया जो की एक अच्छा संकेत है ।
क्या कहते हैं Economic Survey 2024 के आंकड़ें
ये तो सबको मालूम है अमेरिकी स्मार्टफोन कंपनी Apple के आईफोन के 14% असेंबली भारत में होती है और जिससे ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में देश की रैंकिंग में 4 % का भी सुधार हुआ।
पेश आर्थिक समीक्षा में ये भी कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मोबाइल फोन सेगमेंट ने अधिकतम वृद्धि हुई है. अमेरिका को निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 5.7 अरब डॉलर हो गया.
अगर मूल्य के आंकड़ों के बात करें तो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान Apple ने भारत में 14 अरब डॉलर मूल्य के iPHONE असेंबल किए जो उसके वैश्विक आईफोन उत्पादन का 14 प्रतिशत है जैसा की ऊपर कहा गया है ये भी बताया की फॉक्सकॉन ने कर्नाटक और तमिलनाडु में एपल मोबाइल फोन का उत्पादन शुरू किया
इससे पहले एपल की मैन्युफैक्चरिंग और उसके निर्यात पर चीन का ही एकाधिकार था।
भारत उन्नति के पथ पे
Economic Survey 2024 के अनुसार ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 2018 में 0.63 % थी जो बढ़कर 2022 में 0.88 % हुई इस तरह ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में भारत का निर्यात 2018 में 28वें स्थान से उठ कर 2022 में 24वें स्थान पर पहुंचा।
अगर देखा जय तो भारत के व्यापारिक निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2018-19 के 2.7 % से बढ़कर 2023-24 में 6.7 % हो गई जो की वाकिय उन्नति को दर्शाता है ।
इस सर्वे में कहा गया की भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 2014 के बाद से उल्लेखनीय वृद्धि प्राप्त की जो वित्त वर्ष 2021-22 में वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का अनुमानित 3.7 % था|
In Details : Economic Survey 2024
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.