Delhi Secretariat Sealed
दिल्ली सचिवालय में दस्तावेज़ों की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश
In Short:
दिल्ली सचिवालय ने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों, फ़ाइलों और कंप्यूटर हार्डवेयर की सुरक्षा को लेकर नए नियम जारी किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, बिना अनुमति के कोई भी सामग्री सचिवालय परिसर से बाहर नहीं ले जा सकती। यह कदम गोपनीयता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
इस बीच, भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है। चुनावी नतीजों के बाद अब सचिवालय में डेटा सुरक्षा को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है।
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Delhi Secretariat Sealed

दिल्ली सचिवालय में सुरक्षा कड़ी, फाइलों और दस्तावेजों पर लगी सख्त निगरानी
दिल्ली सचिवालय ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए परिसर से फाइलें, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान बाहर ले जाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सचिवालय में लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदी शुरू कर दी गई है। यह कदम सुरक्षा को मजबूत करने और गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक दशक बाद आम आदमी पार्टी (आप) को हराकर बड़ी जीत हासिल की है।
सचिवालय के आदेश के मुताबिक- बिना सामान्य प्रशासन विभाग की मंजूरी के कोई भी कर्मचारी या अधिकारी फाइल, कंप्यूटर, हार्डवेयर या ई-रिकॉर्ड परिसर से बाहर नहीं ले जा सकता।
इस नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही हर विभाग के प्रमुखों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने अधीन आने वाले दस्तावेजों, फाइलों और डिजिटल डेटा की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित करें।
चुनावी नतीजों के बाद बदला माहौल
भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद से ही दिल्ली सचिवालय में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम संवेदनशील जानकारी लीक होने या गलत हाथों में पहुंचने से रोकने के लिए जरूरी था। विशेषज्ञों के मुताबिक – सरकार बदलने के दौरान अक्सर ऐसे नियम लागू किए जाते हैं, ताकि पुरानी सरकार के कामकाज से जुड़े रिकॉर्ड सुरक्षित रहें।
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Delhi Secretariat Sealed | क्या कहता है नया निर्देश?
- परिसर में अंदर आने वाले हर व्यक्ति की जांच होगी।
- किसी भी फाइल या डॉक्यूमेंट को बाहर ले जाने के लिए ऑनलाइन अनुमति लेनी होगी।
- हर विभाग को अपने डेटा का बैकअप बनाना होगा और उसे गोपनीय रखना होगा।
इन सख्त नियमों का उद्देश्य प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता लाना और भविष्य में किसी भी तरह के विवाद से बचना है। हालांकि, कुछ कर्मचारियों ने इसे कामकाज में रुकावट बताया है लेकिन सरकार का कहना है कि यह जनहित में जरूरी कदम है।
अभी यह देखना बाकी है कि यह नई गाइडलाइन प्रशासनिक कार्यों को कितना प्रभावित करती है और सुरक्षा के नाम पर यह पाबंदियां कितनी कारगर साबित होती हैं। फिलहाल दिल्ली सचिवालय में सभी विभागों को इन नियमों का पालन करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

दिल्ली सचिवालय में Security rules और कड़ी निगरानी- किस पर लागू होंगे नए आदेश?
दिल्ली सचिवालय ने हाल ही में सुरक्षा नियमों को और सख्त बनाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों के मुताबिक, सचिवालय परिसर, मंत्रियों के कार्यालय और इन कार्यालयों से जुड़े सभी अधिकारियों को अब फाइलें, दस्तावेज, या इलेक्ट्रॉनिक सामान बाहर ले जाने के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी। साथ ही परिसर में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर भी सख्त नियंत्रण रखा जाएगा।
Delhi Secretariat Sealed | नए निर्देश?
- सचिवालय या मंत्रियों के दफ्तरों में काम करने वाले हर अधिकारी को इन नियमों का पालन करना होगा।
- बिना पूर्व अनुमति के कोई भी फाइल, कंप्यूटर, या डॉक्यूमेंट परिसर से बाहर नहीं ले जाया जा सकता।
- निजी व्यक्तियों (विजिटर्स) को सचिवालय में प्रवेश केवल पहचान और आने के कारण की जांच के बाद ही मिलेगा।
सुरक्षा में चार चांद लगाने की तैयारी
सरकार ने सुरक्षा गार्ड्स को निर्देश दिए हैं कि वे सचिवालय की हर मंजिल पर निगरानी बढ़ाएं। साथ ही, सभी मंजिलों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को 24 घंटे चालू रखना अनिवार्य कर दिया गया है। अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि दिल्ली पुलिस के कर्मी और रिसेप्शन स्टाफ इन नियमों के बारे में पूरी तरह जागरूक हों। कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत सुरक्षा टीम को सूचना देनी होगी।

Delhi Secretariat Sealed | क्यों बढ़ाई गई सतर्कता?
इन कदमों का मकसद सरकारी दस्तावेजों की गोपनीयता बनाए रखना और अवैध घुसपैठ या डेटा लीक जैसी घटनाओं को रोकना है। विशेषज्ञों के अनुसार, सत्ता परिवर्तन या प्रशासनिक बदलाव के दौरान ऐसे नियम लागू करना आम बात है, ताकि महत्वपूर्ण जानकारी सुरक्षित रहे।
कर्मचारियों और आम लोगों पर क्या असर?
हालांकि यह नियम सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हैं, लेकिन कुछ कर्मचारियों को लगता है कि इससे उनके काम में देरी हो सकती है। वहीं आम लोगों के लिए सचिवालय में प्रवेश की प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा लंबी हो गई है। सरकार का कहना है कि यह नियम जनहित और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए बनाए गए हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह सख्त सुरक्षा ढांचा भविष्य में होने वाली चुनौतियों को रोक पाएगा। फिलहाल दिल्ली सचिवालय के सभी विभागों को इन नियमों को लागू करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।
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